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प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता क्यों हैं? रोगी की प्राथमिक चिकित्सा कैसे करे?

प्राथमिक चिकित्सा आपात विधियां:-

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मेडिकल आपातकालीन स्थिति, बेहोशी, सर्दी और जुकाम, दुर्घटना, झटका या शॉर्ट, फैक्चर, आग, आदि के बारे में जाने

जब किसी गम्भीर चोट या बीमारी के कारण किसी व्यक्ति की शीघ्र मृत्यु का खतरा मंडरा रहा हो तो इसे चिकित्सा आपात कहते हैं। ऐसी आपात स्थिति में किसी दुसरे व्यक्ति की सहायता की आवश्यकता होती हैं, जो उस स्थिति से निपटने की योग्यता रखता हो। इसके लिए आपात चिकित्सा सेवा को सम्पर्क करके बुलाना चाहिए। भारत में इसके लिए 112, डायस करना होता हैं। तब तक जितना हो सके रोगी की प्राथमिक चिकित्सा करनी चाही जिससे मरिज की जान का खतरा नही हो व अस्पताल तक पहुँच सके व सही से इलाज हो सके।

किसी की जान बजाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा एक अहम कदम हो सकता है। प्राथमिक चिकित्सा को अग्रेजी मे कहा जाता हैं। एक्सिडैन्ट या चोट लगने के बाद तुरन्त देने से घायल व्यक्ती की जान बचाई जा सकती हैं। प्राथमिक चिकित्सा मे सामान्य चोट के लिए पट्टी करना से लेकर सीपीआर देने तक की प्रक्रिया तक शामिल हो सकती है। हर व्यक्ती को देना आना चाहिए। ताकि हर जरुरत पडने पर इसका इस्तमाला कर सके।

प्राथमिक चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित वयक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता हैं उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में उतनी व्यवस्था करना होता हैं कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कं नुकसान हो।

प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की विधि:-

किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता हैं, उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में उतनी व्यवस्था करना होता हैं, कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाका कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। अतः प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओं द्वारा कम से कम साधनो में किया गया सरल उपचार हैं। कभी-कभी यह जीवन रक्षक भी सिद्द होता हैं। प्राथमिक चिकित्सा विद्या प्रयोगात्मक चिकित्सा के मुल सिद्दांतो पर निर्भर है। इसका ज्ञान शिक्षित पुरुषों को इस योग्य बनाता हैं कि वे आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी के अवसर पर, चिकित्सक के आने तक या रोगी की सुरक्षित स्थान पर ले जाने तक, उसके जीवन को बचाने, रोगनिवृत्ति में सहायक होने, या घाव की दशा और अधिक निकृष्ट होने से रोकने में उपयुक्त सहायता कर सकें। 

प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) पशुओं पर भी की जा सकती हैं।

प्राथमिक चिकित्सा  (First Aid) की सीमा व क्यों आवश्यक हैं?

प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

प्राथमिक उपचार आकस्मिक दुर्घटना के अवसर पर वस्तुऔं से सहायता करने तक ही सीमित हैं जो उस समय प्राप्त हो सकें। प्राथमिक उपचार का यह ध्येय नहीं है कि प्राथमिक उपचारक चिकित्सक का स्थान ग्रहण करे। इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि चोट पर दुबारा पट्टी बाँधना तथा उसके बाद का दुसरा इलाज प्राथमिक उपचार की सीमा के बाहर हैं। प्राथमिक उपचार का उत्तरदायित्व किसी डॉक्टर द्वारा चिकित्सा संबंधी सहायता प्राप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता हैं, परन्तु उसका कुछ देर तक वहाँ रुकना आवश्यक हैं। क्योंकि डॉक्टर को सहायक के रुप में उसकी आवश्यकता पड सकती हैं।  इसका उदाहरण में अपने जीवन का देता हुँ। कि मेरा भतीजा जो अच्छी सेहत रखता था जिसका रोड एक्सिडन्ट (Road Accident) हुआ था जिसको देखने के लिए पास के गांव के कम से कम 50 लोग वहा पर जमा थे परन्तू किसी ने भी उसका प्राथमिक चिकित्सा नही की थी ना ही उसके साथी लडको ने जा भतीजे के साथ थे उन्होने की व मुझे वहा तक पहुचने में दो घण्टे लगे थे काभी दुर Accident हुआ था इसलिए पहुचने मे समय लगा था जिसके सिर मे चोट लगी थी शरीर के किसी भी भाग में कोई चोट नही थी सिर से खुन निकला था परन्तू समय पर किसी ने प्राथमिक चिकित्सा नही करने की वजह से उसके सिर से काफी खुन बह चुका था जिससे उसकी मृत्यू हो गई थी यदी किसी ने सिर का खुन निकले वाले स्थान पर कोई कपडे के बांध कर रोका होता तो शायद उसकी मृत्यु नही होती जो अस्पताल में डॉक्टरो ने बतलाया की सर से ज्यादा खुन बह जाने की वजह से मृत्यू हो गई है। अतः आप सभी से निवेदन हैं की जितना हो सके आपको कोई किसी प्रकार का भी रोगी कही मिलता हैँ या आपके सामने किसी को प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की आवश्यकता हो तो तुरन्त उसको प्राथमिक चिकित्सा देनी चाहीए। 

किन-किन स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा  (First Aid) उपयोगी हैं।

ऊँचाई पर जाने से समस्या होना, हड्डी टूटनी, जलना. ह्रदयाघात (हार्ट अटैंक), शवसन मार्ग में किसी प्रकार का अवरोध आ जाना, पानी में डूबना, हीट स्ट्रोक, मधुमेह के रोगी का बेहोश होना, हड्डी के जोडों का विस्थापन, विष का प्रभाव, दाँत दर्द, घाव चोट रोड दुर्धटना जैसे Accident आदि में प्राथमिक चिकित्सा उपयोगी हैं।

प्राथमिक उपचार क्या है? कि आवश्यक बातेंः-

प्राथमिक उपचार में आवशयक बातेंः-

  • प्राथमिक उपचारक को आवशयकतानुसार रोगनिदान करना चाहिए, तथा
  • घायल को कितनी, कैसी और कहाँ तक सहायता दी जाँ, इस पर विचार करना चाहिए।
  • रोगी को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुँचाना चाहिए।
रोग या घाव संबंधी आवश्यक बातेंः-
  • रोगी की स्थिति, इसमें रोगी की दशा और स्थिति देखनी चाहिए।
  • चिन्ह, लक्षण या वृत्तांत, अर्थात घायल के शरीरगत चिन्ह, जैसे सूदन, कुरुपता, रक्तसंचय इत्याति पार्थमिक उपचारक को अपनी ज्ञानेंद्रिंयो से पहचानना तथ लक्षण, जैसे पीडा, जडता, घुमरी, प्यास इत्यादि, पर ध्यान देना चाहिए। यदि घायल व्यक्ती होश में हो तो रोग का और वृत्तांत इससं, या आस पास के लोगों से, पूछना चाहिँ। रोग के वृत्तांत के साथ लक्षणों पर विचार करने पर निदान में बडी सहायता मिलती हैं।
  • कारणः यदि कारण का बोध हो जाए तो उसके फल का बहुत कुछ बोध हो सकता हैं, परन्तु स्मरण रहे कि एक कारण से दो स्थानों पर चोट, अर्थात दो फल हो सकते हैं, अथवा एक कारण से या तो स्पष्ट फर हो, या कोई दूसरा फल, जिसका संबंध उस कारण से न हो, हो सकता है। कभी कभी कारण बाद तक आपना काम करता रहता हैं, जैसे गले में फंदा इत्यादि।

घटनास्थल से संबंधित बातेंः-
  • खतरे का मूल कारण, आग, बिजली का तार, विषैली गैस, केले का छिलका या बिगडा घोडा इत्यादि हो सकते हैं, जिसका ज्ञान प्राथमिक उपचारक को प्राप्त करना चाहिए।
  • निदान में सहायक बातें, जैसे रक्त के धब्बे, टूटी सीढी, बोतलें तथा ऐसी वस्तुओं को जिनसे घायल की चोट या रोग से संबंध हो सुरक्षित रखना चाहिए।
  • घटनास्थल पर उपलब्ध वस्तुओं का यथोचित उपयोग करना श्रेयस्कर हैं।
  • दोहर, कंबल, छाते इत्यादि से बीमार की धूप या बरसात से रक्षा करनी चाहिए।
  • बीमार को ले जाने के निमित्त प्राथमिक उपचारक को देखना चाहिँ कि घटनास्थान पर क्या क्या वस्तुएँ मिल सकती हैं। छाया का स्थान कितनी दूर हैं, मार्ग की दशा क्या हैं। रोगी को ले जाने के लिए प्राप्त योग्य सहायता का श्रेष्ठ उपयोग तथा रोगी की पूरी देखभाल करनी चाहिए।
प्राथमिक उपचार करने वाले व्यक्ति के गुणः-
  1. विवेकी (observant), जिससे वह दुर्घटना के चिन्ह पहचान सके;
  2. व्यवहारकुशल (tactful), जिससे घटना संबंघी जानकारी जल्द से जल्द करते हुए वह रोगी का विश्वास प्राप्त करें;
  3. युक्तिपूरण(resourceful), जिससे वह निकटतम साधनों का उपयोक कर प्रकृति का सहायक बनें;
  4. निपुण (dexterous), जिससे वह ऐसे उपायों को काम् मे लाए कि रोगी को उठाने इत्यादी में कष्ट ना हो;
  5. स्पष्टवक्ता (explicit), जिससे वह लोगों की सहायता में ठीक अनुवाई कर सकें;
  6. विवेचक (discriminator), जिससे गंभीर एवं घातक चोटों को पहचान कर उनका उपचार पहले करे;
  7. अध्यवासायी (persevering), जिससे तत्काल सफलता न मिलने पर भी निराश न हो तथा;
  8. सहानुभूतियुक्त (sympathetic), जिससे रोगी को ढाढस दे सके, होना चाहिए;

प्राथमिक उपचार के मूल तत्व।

  • रोगी में श्वास, नाडी इत्यादि जीवन चिन्ह न मिलने पर उसे तब तक मृत न समझें जब तक डॉक्टर न कह दे।
  • रोगी को तत्काल चोट के कारण से दूर करना चाहिए।
  • जिस स्थान से अत्याधिक रक्तत्राव होता हो उसका पहले उपचार करें।
  • श्वासमार्ग की सभी बाधाएँ दूर करके शुद्द वायु संचार की व्यवस्थआ करें।
  • हर घटना के बाद रोगी का स्तब्धता दूर करने के लिए उसको गर्मी पहुँचाएँ। इसके लिए कंबल, कोट, तथा गरम पानी की बोतल का प्रयोग करे।
  • घायल को जिस स्थिति में आराम मिले उसी में रखें।
  • यदि हड्डी टूटी हो तो उस स्थान को अधिक न हिलाएँ तथा इसी तरह उसे ठीक करने की कोशिश करें।
  • यदि किसी ने विष खाया हो तो उसके प्रतिविष द् वारा विष का नाश करने की व्यवस्था करें।
  • जहाँ तक हो सके, घायल के शरीर पर कसे कपडे केवल ढीले कर दें, उतारने की कोशिश न करें।
  • जब रोगी कुछ खाने याग्य हो तब उसे चाय, काफी, दूध इत्यादि उत्तेजक पदार्थ पिलाएँ। होश मे लाने के लिए स्मेलिंग साल्ट (smelling salt) सुँघाएँ।
  • प्राथमिक उपचारक को डॉक्टर के काम में हस्तक्षेप नही करना चाहिए, बल्कि उसके सहायक के रुप में कार्य करना चाहिए।

स्तब्धता(Shock) का प्राथमिक उपचारः-

इसके अंतर्गत निम्नलिखित उपचार करना चाहिएः-
  1. यदि रक्तस्त्राव होता हो तो बंद करने का उपाय करें।
  2. गर्दन, छाती और कमर के कपडे ढीले करके खूूूूब हवा दें।
  3. रोगी को पीठ के बल लिटाकर सिर नीचा एक तरफ करें।
  4. रोगी को अच्छी तरह कोट या कंबल से ढकें तथा पैर में गरम पानी की बोतल से सेंक करें।
  5. सिर में चोट न हो तो स्मेलिंग साल्ट सुंघाएँ और होश आने पर गरम तेज चाय अधिक चीनी जालकर पिलाएँ।
  6. जरुरी हो तो ऑक्सीजन एप्लाई करें।
  7. रक्त स्राव होने पर निचली एक्सटार्मिटीज को एलिवेशन दे, परन्तु रीढ की चोट में ऐंसा न करें।

प्राथमिक चिकित्सा क्या है?

सांप काटने पर प्राथमिक चिकित्साः-

बहुत सारे सांप विषैले नहीं होते उनके काटने पर घाव को साफ करने और दवाई लगाने से ठीक हो जाता हैं। विषैले सांप के काटने पर जल्द से जल्द प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता होती हैं। सांप के कटने से त्वचा पर दो लाल बिंदु जैसे निशान आते हैं। जहरीले सांप के काटने पर लक्षण सांप की प्रजाति के अनुसार होता हैं। नाग कोबरा या करैत प्रदाति के सांप के काटने पर न्यूरोलॉजिकल/मस्तिष्क सम्बन्धी लक्षण दीखते हैं जबकि वाईपर के काटने पर रक्त वाहिकाएं नष्ट हो जाती हैं।

सांप काटने पर लक्षणः-

  • सांप के काटने का निशान या सुन्न हो जाना।
  • दर्द के जगह पर लाल पड जाना।
  • काटे हुए स्थान पर गर्म लगना और सूजन आना।
  • सांप के काटे हुए निशान के पास के ग्रंथियों में सूजन।
  • आँखों में धुंधलापन।
  • सांस लेने और बात करने में मुश्किल होना।
  • लार बहार निकलना।
  • बेहोश होना या कोमा में चले जाना।

सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के चरणः-

  • रोगी को आराम दें परन्तु सोने नही दे।
  • शांत और आश्वासन दें।
  • सांप के काटे हुए स्थान को साबुन लागाकर, ज्यादा पानी में अच्छे से धोयें।
  • सांप के काटे हुए स्थान को हमेशा दिल से नीचें रखें।
  • होश न आने पर ABC रुल आपनाएं (A=Airway, B=Breathing, and C=Circulation,)
  • जितना जल्दी हो सके मरीज को अस्पताल पहुंचाएं।
सांप के काटने पर इलाज के लिए सही एंटी-टोक्सिन या सांप के सीरम को चुनने के लिए सांप की पहचान करना बहुत आवश्याक हैं।

अस्थिभंग का प्राथमिक सामान्य उपचारः-

  • अस्थिभंग (Fracture) वाले स्थान को पटरियों तथा अन्य उपायों से अचल बवाए बिना रोगी को स्थानांतरित  न  करें। 
  • चोट के स्थान से यदि रक्तस्त्राव हो रहा हो तो प्रथमतः उसका उपचार करें।
  • बडी चौकसी के साथ बिना बल लगाए, अंग को यथासाध्य अपने स्वभाविक स्थान पर बैठा दें।
  • चपतियों (Splints), पट्टीयों (Bandages) और लटकानेवाली पट्टियों, अर्थात झोलों, के प्रयोग से भग्न अस्थिवाले भाग को यथासंभव स्वाभावित स्थान पर बनाएं रखने की चेष्टा करें।
  • जब संशय हो कि हड्डी टूटी हैं या नही, तब भी उपचार उसी भाँति करें जैसा हड्डी टूटने पर होना चाहिए।

मोच(Sprains) का प्राथमिक उपचारः-

  • मोच के स्थान को यथासंभव स्थिर अवस्था में रखकर सहारा दें।
  • जोड को अपनी प्राकृतिक दशा में लाकर उस पर खींचकर पट्टी बाँधें और उस पानी से तर रखें, तथा यदि आराम नही मिलता है तो पट्टी फिर से खोलकर बाँधें।

रक्तस्राव का प्राथमिक उपचारः-

Gives first aid to an injured Iraqi citizen.jpg
First Aid
  • घायल को हमेशा ऐसे स्थान पर स्थिर रखें जिससे रक्तस्त्रान का वेग कम रहे;
  • अंगों के टूटने की अवस्था को छोडकर अन्य सभी अवस्थाओं में जिस अंग से रक्तस्त्रान हो रहा हो उसे ऊँचा रखें;
  • कपडे हटाकर घाव पर हवा लगने दें तथा रक्तस्त्राव के भाग को ऊँगली से दबा रखें;
  • बाहरी वस्तु, जैसे शीशा, कपडे के टुकडे, बाल आदि, को घाव में से निकाल दें;
  • घाव के आस पास के स्थान पर जीवाणुनाशक तथा बीच में रक्तस्त्राव विरोधी दवा लगाकर रुई, गाड (Gauze) या लिंट (Lint) रखकर बाँध देना चाहिएं।

अचेतनावस्था का प्राथमिक उपचारः-

बेहोशी पैदा करने वाले कारणों से घायल को दूर कर देना तथा अचेतनावस्था के उपचार के साधारण नियमों को यथासंभव काम में लाना चाहिएं।

डुबने, फाँसी, गलाघुटने तथा बिजली लगने का प्राथमिक उपचारः-

डुबे हुए व्यक्तिं कोे कृत्रिम रीति से सर्व प्रथम श्वास कराएँ तथा गीले कपडे उतारकर उसका शरीर सूखे वस्त्रो में लपेटें। इसके पश्चात उसके पेट तथा फेफडों से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरु करना चाहिए। कृत्रिम श्वास देने के लिए उसे पेट के बल सूखी जमीन पर लिटाकर अपने शरीर के भार उसके पीठ पर दबाव डाले। रोगी की पीठ पर दबाव पडने से उसके पेट तथा फेफडों मे भरा पानी बाहर निकल जाएंगा। अब प्राथमिक चिकित्सा करने वाले को रोगी को कृत्रिम श्वास देने की प्रक्रिया तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि रोगी की श्वास प्रक्रिया स्वाभाविक रुप से चालू न हो जाएं।

फाँसी लगाए हुए व्यक्ति के नीचे के अंगों को पकटकर तुरन्त शरीर उठा दें, ताकि उसके गले की रस्सी का कसाव कम हो जाएं। रस्सी का कसाव कम होने पर रस्सी काटकर गला छुडा दें। फिर कृत्रिम श्वास लिवाएँ। गला घुटने की अवस्था में पीठ पर स्कैपुला (Scapula) रे बीत में तोपों से मुक्का मारें और फिर गले में उँकली जालकर उसे वमन कराने की चेष्टा करें। इसी प्राकर विषैंली गैंसों से दम घुटने पर दरवाजे, खिडकियाँ, रोशनदान आदि खोलकर कमरे का गैंस बाहर निकाल दें और रोगी को अपने मुँह के श्वास द्वारा ऑक्सीजन देने का प्रयास करें। बिजली का शॉक मारने पर तुरन्त बिजली का संबंघ टोडकर रोगी को कृत्रिम श्वास दिलाएँ तथा उत्तेजक पदार्थो का सेवन कराएँ।


एक स्वच्छ सुरक्षित और खतरे से मुक्त कार्य वातावरण बनाये रखाना कैसे कम्भव हैं जानेः-
इसमें जानते हैं कि एक स्वच्छ सुरक्षित और खतरे से मुक्त कार्य वातावरण कैसे बनाया जाता है।

विभाजन:-

इस सत्र में आप निम्न के बारे में सीखेगे।

आपातकालीन प्रक्रियाए व कार्यस्थल पर आपका कार्य:-

आपातकालीन विकास की आवशयकता कब होती हैः-

• आपातकालीन विकास की आवश्यकता तब होती है, तब ईमारत में रहना सुरक्षित नहीं होता हैं। प्रत्येक संगठन में एक आपातकालीन निकास प्रक्रिया होती हैं।

अप्रत्याशित स्थिति क्या होती हैं:-

- कर्मचारियों ग्राहकों या जनता को धमकी देना।
- किसी कार्य को बाधित करना या बंद कर देना।
- शारिरिक या पर्यावरणीय क्षति का कारण बनना।

आपातकालीन स्थिती मे निकाशी के लिए क्या शर्ते हैं:-

निकासी की आवश्यकता वाली आपातकालीन स्थितियो में निम्नलिखित शामिल हैं।
- आग, विस्फोट, बाढ़, भूकंप, तूफान, चक्रवात, जहरीले पदार्थ का फैलना, नागरिक उपद्रव आदि

मेडिकल आपातकालीन स्थिति क्या हैं?:-

प्रत्येक व्यक्ति आपात स्थिति के लिए योजना बनाता है। यही कारण है कि हम लोग अपने पास प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स (First aid box) रखते हैं। हालांकि कार्यस्थल पर व्यक्ति बहुत तनाव और शारीरिक गतिविधि में रहता है।

मेडिकल आपातस्थिति को किस प्रकार सभाला जा सकता है:- 

• एक चिकित्सक आपातकाल एक आकस्मिक या चिकित्सीयकमी होती हैं, तो गंभीर होती हैं।
• एक मेडिकल आपात स्थिति में कभी कभी आपातकालीन सेवाओं के लिए कार्य करने से पहले, आप के तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं।
• मेडिकल आपात स्थिति कोई भी समस्या या स्थिति हो सकती हैं जैसे:-
-बीमारी (बेहोशी), दुघर्टना (झटका, मांसपेशियों की ऐठन, फ़्रैक्चर आदि), आग, अन्य खतरनाक स्थितियां, सुरक्षा का उलंघन।

मेडिकल आपातस्थिति में क्या करना चाहिए:-

- पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी खाने या पीने ना देना।
- व्यक्ति को नियंत्रित करना
- पीड़ित व्यक्ति के चेहरे पर किसी द्रव के छीटे मारना या डालना 
- पीड़ित को दूसरे स्थान पर ले जाना (जब तक पीड़ित के लिए चिकित्सा सुविधा ना आ जाए)

रोग:-

बेहोशी कैसे आती है?:-

- बेहोशी थोडी देर के लिए लिए होश खो जाना है, जो कि मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की अस्थायी कमी के कारण होता है।
- होश के खो जाने के कारण व्यक्ति हतास हो कर सतह पर गिर जाता है। 
- इससे त्वचा पीली और ठंडी पड़ जाती हैं, तथा पसीना भी आता है। 

बेहोशी के कारण क्या हैं?:-

- कम रक्त दबाव, नींद की कमी, अधिक थकावट, तनाव

बेहोशी के लिए प्राथमिक चिकित्सा (first aid) कैसे करे?:-

- पीड़ित को उसकी पीठ के बल लेटा दे, और उसकी टांगो को ऊपर छाती की तरह ले कर जाए।
- पीड़ित के वायुमार्ग को जाचे की वह खुला है।
- साँस लेने, खासने या हलचल के लक्षणों को जाचे।
- कपड़ो को ढीला करे। (टाई, कमर बेल्ट आदि)
- यदि एक मिनट में होश नही आता है तो आपातकालीन सेवाओं को कॉल करे। 

सर्दी और जुकाम क्या हैं?:-

सर्दी कैसे लगती हैं? या क्यो होती हैं?:-

-यह वायरस या मौसम में आये अचानक बदलाव के कारण होती है।

जुकाम के लक्षण क्या हैं?:-

- बुखार
- सरदर्द
- तेज दर्द और थकान
- गम्भीर खाँसी
- ईलाज
- पास के क्लिनिक में जाये

दुर्घटना :-

दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ती का खुन बहना कैसे रोके?:-

-सीधे दबाव पटट्टियों के प्रयोग से घाव पर दबाव डाले।
- रक्त स्त्राव को कम करने के लिए घाव उठाये।
- जब आवस्यकता हो रक्त स्त्राव को कम करने के लिए अतिरिक्त दबाव लगाए।

झटका या शॉर्ट क्या होता है इसका दुशप्रभाव क्या होते हैं?:-

- झटका तब लगता है, तब संचालन तंत्र विफल हो जाता है और ऊतकों तक कम ऑक्सीजन पहुँचती है। अगर ऐसी स्थिति में शीघ्र इलाज नही किया जाता है तो महत्वपूर्ण अंग विफल हो सकते है, जिससे मृत्यु भी हो सकती हैं।

मांसपेशियों में खिंचाव:-

- तनाव कम करने के लिए प्रभावित मांसपेशियों को खिंचे या स्ट्रेच करे।
- तनाव वाली मांसपेशियों की मालिस करे।
- यदि खिंचाव बरकरार रहता है तो चिकित्सा सहायता ले।
- आराम करें और हलचल व गतिविधियों को कम करे जो दर्द का कारण बन सकती हैं।
- दर्द व सूजन को कम करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल करें।
- एक लोचदार पट्टी या अंगोछा पहनने से हल्का दबाव या सूजन को कम करने में मदद मिलती हैं।
क्षतिग्रस्त भुजा को ह्रदय के स्तर से ऊपर उठाने से दर्द व सूजन कम होती हैं।

फैक्चर:-

- फैक्चर हड्डी की निरंतरता में एक तोड़ या दरार के समान होता है।

विस्थापन (जोड़ना उखाड़ना):-

-विस्थापन एक या अधिक हड्डियों का जोड़ से हटाना है। आमतौर पर यह कंधे, कोहनी, अंगूठे, उंगलियों और निचले जबड़े में होता है। जोड़ उखडने और फैक्चर के लिए प्राथमिक चिकित्सा इस प्रकार है।
-प्रभावी हिस्से को स्थिर कर दे।
-प्रभावी हिस्से को पूर्ण तरह से रोक दे।
-एक कपड़े का उपयोग एक स्लिंग की तरह करे।
- एक बोर्ड का उपयोग स्लिंग की तरह करे।
-पीड़ित को ध्यानपूर्वक स्ट्रेचर पर स्थानांतरित करे।
- डॉक्टर को बुलाये।

आग लगने पर बचाव के लिए क्या करना चाहिए:-

• यदि आपको आग का पता लगता है, या आप आग अलार्म सुनते हैं, तो पहली प्राथमिकता सुरक्षित रूप से बाहर निकलना है। एक बार ईमारत से निकलने और सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के बाद आपातकाल की रिपोर्ट करे।
• यह भी करे :-
-सभी फायर अलार्म को गम्भीरता से ले और ईमारत को तुरन्त छोड़ दें। "रुको मत" हैंडल्स को छू कर देखे, यदि वे गर्म है तो उन्हें ना खोले --कमरे से बाहर निकलने का कोई और दूसरा रास्ता ढूंढे। यदि आप बाहर नही जा सकते है तो सहायता के लिए संकेत दे।
- अपने पीछे के दरवाजे बंद कर दे।
- जहाँ धुँआ हो वहाँ ना जाये और जहाँ हवा साफ व ठंडी है, वहाँ जाए।
- हमेशा सबसे नजदीकी बाहरी निकास या सीढ़ियों का उपयोग करे, कभी भी लिफ्ट का प्रयोग ना करे।
- यदि अलार्म आपके रास्ते में हो तो खीच दे।
- एक बार बाहर आ जाने के बाद वापस अन्दर ना जाये।
- यदि आपके कपड़ो में आग लग गई है तो रुके और उसे उतार दे।
- किसी भी जले हुए भाग को तुरन्त पानी से ठंडा करे और चिकित्सा सहायता ले।

सुरक्षा का उल्लंघन:-

- कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए जो किसंगठन के डाटा की अखण्डता और सुरक्षा समझौता को हानि पहुचता हो।
- यदि आप किसी ऐसी स्थिति में आते हैं जहाँ डाटा सुरक्षा का उल्लंघन होता हो, तो इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे।
- किसी भी कॉल सेंटर या सर्विस सेंटर के लिए डाटा सुरक्षा बहुत सवेंदनशील क्षेत्र होता है।
- यदि आपको डाटा उल्लंघन का पता चलता है तो आपके लिए अलार्म बजाना महत्वपूर्ण है।
-आपको संगठन द्वारा निर्धारित डाटा सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशो का पालन करना और प्रोत्साहित करना चाहिए।

ध्यान में रखने वाली बातें:-

-अपने संगठन के वर्तमान स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुरक्षा नीति व प्रक्रियाओं का अनुपालन करे।
- संगठन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुरक्षा नीतियो और प्रक्रियाओं के किसी भी प्रकार के उल्लंघन की रिपोर्ट नामित व्यक्ति को करे।
-ऐसे किसी खतरे को जिसे आप सुरक्षित, सक्षम और अपने अधिकार सीमाओं में रह कर ठीक कर सकते हैं। उसे पहचाने  और ठीक करे।
- ऐसे किसी खतरे को जिससे आप निपटने में सक्षम नहीं है तो आप संगठनात्मक प्रक्रियाओं  के अनुरूप सम्बन्धित व्यक्ति को रिपोर्ट करें और चेतावनी दे।
- अपने संगठन की आपातकालीन प्रक्रियाओं का तुरन्त शांति से और कुशलतापूर्वक पालन करे।

प्राथमिक चिकित्सा के लिए कार्यस्थल को कैसा होना चाहिए:-
• कार्यस्थल की आवस्यकता क्या क्या हैं?:-
कार्यस्थल फर्नीचरः-
- ठीक करने योग्य और सहायता कुर्सियों।
- एक पैर दान के साथ निश्चित ऊँचाई वाली डेस्क, या एक समायोज्य डेस्क।
मॉनिटरः-
- स्क्रीन का ऊपरी भाग आँख के स्तर पर या उससे कम हो।
- मॉनिटर की स्थिति चमक और प्रतिबिंब कम करने के लिए योग्य हो।
- आसन में लगातार बदलाव और बैठने में नियमित विराम।
पर्याप्त काम करने की जगहः-
- कार्यक्षेत्र में घुटने, बाहर निकलने और आसन में लगातार बदलाव करने की अनुमति लेने लायक क्षेत्र उपलब्ध हो।
- निजी वस्तुओं और काम के लिए आवश्यक वस्तुओं के लिए संग्रहन हो।
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इंस्टाग्राम क्या होता है? इंस्टाग्राम एक मोबाइल, डेस्कटॉप और इंटरनेट-आधारित फोटो-साझाकरण एप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को फोटो या वीडियो को सार्वजनिक रूप से या निजी तौर पर साझा करने की अनुमति देता है। लॉन्च की तारीख:  6 अक्तूबर 2010 इंस्टाग्राम क्या है (Instagram in Hindi) Instagram  एक ऐसा social media app है जिसे की सन 2010 में launch किया गया. इसे बनाने वाले हैं  Kevin Systrom  और  Mike Krieger . जिन्होंने इसे design किया और लोगों के सामने लाया इस्तमाल के लिए. बाद में इसकी बढती popularity को देखकर  Facebook ने इसे सन 2012 में पूरी तरह से खरीद लिए । इस App का मुख्य उद्देश्य था users को encourage करना photos लेने के लिए, उसमें filter add कर और एक अच्छा सा caption लिख, उसे अपने account में post करें. यहाँ जरुर पढ़े  इंस्टाग्राम से पैसे कैसे कमाए । ऐसा करने से जितने भी friends या Followers आपके इन्स्ताग्राम profile में होते हैं उन्हें इसके विषय में notification चला जाता है. जिसे वो चाहें तो like कर सकते हैं. ज्यादा likes होने पर वो post ज्यादा समय तक ऊपर ...

ट्विटर क्या है, टविटर को कैसे यूज़ करें? ट्विटर पर लोगिन कैसे करे?

  Twitter क्या है और ट्विटर कैसे चलते है ? ट्विटर दुनिया की पॉपुलर वेबसाइट में से एक है। Twitter पर जानकारी शेयर करने की प्रकिया को Tweet( ट्वीट) कहा जाता है। ट्वीट मतलब किसी भी जानकारी को शेयर करने के लिए आप एक बार में केवल 140 शब्दों का इस्तेमाल कर सकते है और उन्ही शब्दों में अपनी बात पूरी करनी है हालांकि आप जितने चाहो उतने ट्वीट कर सकते है। हमारे देश में बहुत सारे लोगों को ये तो पता है कि ट्विटर नाम की कोई चीज़ होती है क्योंकि उनको यह नाम ट्विटर कही न कही सुने की मिल जाता है। परंतु वह यह नही जानते कि Twitter क्या होता है और कैसे चलते है। इसलिए आज की यह पोस्ट उन लोगों के लिए है जो ट्विटर के बारे में जानना चाहते है। जैसा की हमने बताया ट्विटर का नाम तो हर किसी को पता होता है क्योंकि अक़्सर यह सुने को मिलता है कि उस सेलिब्रिटी ने Tweet करके ये कहा या फ़िर उस सेलिब्रिटी के Tweet से हँगामा हो गया ऐसा न्यूज़ चैनल पर आमतौर पर सुनें को मिल जाता है इसलिए लोगो को लगता है कि ट्विटर सिर्फ सेलिब्रिटी के इस्तेमाल के लिए होता है। परंतु ऐसे नही है क्योकि दुनिया का कोई भी व्यक्ति Twitter accou...

फेसबुक अकाउंट कैसे बनाएं? फेसबुक के बारे में जानकारियां।

फेसबुक अकाउंट कैसे बनता है? सबसे पहले google में www.facebook.com type करे और search करें। जब आप facebook होम में पहुच जाते है तब आपको create account बटन दिखाई देता है उस पर क्लिक करे जैसा नीचे दिखाया गया है। Create account पर क्लिक करने के बाद आपसे आपका name और sure name पूछता है उसे डालें और Next पर क्लिक करें। नया Facebook Account आसानी से कैसे बनाये। Facebook दुनिया की सबसे popular website में से एक है। और आज के समय मे ऐसे बहुत कम लोग है जो facebook का इस्तेमाल नही करते। हर किसी का आज facebook पर अपना खुद का Facebook Account होता है। 15 साल के बच्चों से लेकर 65 साल के लोगो तक आपको facebook पर आसानी से देखने को मिल जाते है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आज facebook न केवल entertainment के लिए जरूरी है बल्कि अगर आप अपने business को फैलाना चाहते है तो भी facebook account आपके लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप facebook पर business purpose के लिए facebook account बनाना चाहते है और अपनी servies और product को बेचना चाहते है तो facebook आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि बहुत सारे लोगो face...

How to recover delete gmail account हाल ही में हटाया गया Google खाता वापस कैसे पाये?

अपना जीमेल खाता Google में सुरक्षित किये बिना हटा दिया है तो अपना खाता वापस कैसे प्राप्त कर सकते हैं। हाल ही में हटाया गया Google खाता वापस पाना अगर आपने  अपना Google खाता मिटा दिया है , तो शायद आप उसे वापस पा सकते हैं. अगर खाता मिटाए जाने के बाद कुछ समय बीत चुका है, तो शायद आपको अपने खाते का डेटा वापस न मिल पाए. अगर आपको अपना खाता वापस मिल जाता है, तो आप Gmail, Google Play और Google की दूसरी सेवाओं में पहले की तरह साइन इन कर सकेंगे. Delete your Google Account आ प  जब चा हें  अपना Google खाता मिटा सकते हैं. हालांकि, अगर आप उसे वापस पाना चाहेंगे, तो शायद ऐसा कर पाना मुमकिन न हो. पहला चरण: जानें कि अपना खाता मिटाने पर क्या होता है आप उस खाते में मौजूद ईमेल, फ़ाइलें, कैलेंडर, और फ़ोटो जैसा सारा डेटा और सामग्री खो देंगे. आप Gmail, डिस्क, कैलेंडर या Play जैसी उन Google सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिनमें आप उस खाते के ज़रिए साइन इन करते हैं. आप ऐसी सदस्यताओं और सामग्री का ऐक्सेस खो देंगे जो आपने उस खाते से YouTube या Google Play पर खरीदी हैं. उदाहरण के लिए ऐप्लिकेशन, फ़ि...

जीमेल आईडी | Gmail ID| ईमेल आईडी | Email ID| कैसे बनाएं?

ईमेल आईडी का क्या मतलब होता है? Email इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों द्वारा किसी नेटवर्क (इंटरनेट) के जरिए संदेश भेजने-प्राप्त करने का एक साधन है. Email का मतलब Electronic Mail होता है. कार्यालयों, अदालतों, स्कूलों, कॉलेजों आदि जगहों पर Email को सूचना भेजने तथा प्राप्त करने का आधिकारीक तरीका बना लिया गया है. यह कागज पर लिखी गई चिट्ठी के समान ही होता है। जीमेल आईडी बनाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:- 1. एप्लिकेशन खोलें: अपने Android डिवाइस में "जीमेल" एप्लिकेशन खोलें। 2. लॉग इन / साइन अप: अगर आपके पास पहले से Google खाता है, तो आप लॉग इन कर सकते हैं। अगर नहीं, तो "साइन अप" विकल्प का चयन करें। 3. आवश्यक जानकारी प्रदान करें: आपसे नाम, जन्मतिथि, फ़ोन नंबर आदि जानकारी पूछी जाएगी। 4. उपयोगकर्ता नाम चुनें: एक उपयोगकर्ता नाम चुनें जिसका आप उपयोग करना चाहते हैं। 5. पासवर्ड चुनें: एक सुरक्षित पासवर्ड चुनें जिसमें अल्फाबेट, नंबर और विशेष वर्ण हों। 6. ईमेल आईडी स्वीकार करें: यदि आपके द्वारा चुने गए उपयोगकर्ता नाम के साथ उपयोगकर्ता आईडी उपलब्ध है, तो आपको एक संदेश दिखाया जाएगा। ...

YouTube releases PIP mode for IOS

YouTube ने IOS के लिए जारी किया PIP मोड:- 2021 जून में गूगल ने आईओएस (IOS) यूजर्स को यह सुविधा दी थी। शुरुआत अमेरिका से हुई थी लेकिन अब सभी के लिए इसे जारी किया जा रहा है। YouTube releases PIP mode for IOS YouTube ने दुनियाभर के आईओएस  (IOS)  यूजर्स के लिए पिक्चर इन पिक्चर PIP (पीआईपी) मोड जारी कर दिया है, हालांकि अभी भी नया अपडेट सिर्फ यूट्यूब प्रीमियम यूजर्स के लिए ही जारी किया गया है। इस अपडेट के बाद आईओएस यूजर्स यूट्यूब के वीडियोज मिनी प्लेयर यानी पीआईपी मोड में देख सकेंगे। बता दें कि इसी साल जून में गूगल ने आईओएस यूजर्स को यह सुविधा दी थी। शुरुआत अमेरिका से हुई थी लेकिन अब सभी के  लिए इसे जारी किया जा रहा है। पीआईपी (PIP) मोड के फायदे क्या है?   पीआईपी (PIP) मोड का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि किसी एप को एक मिनी प्लेयर की तरह इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप यूट्यूब पर वीडियो देख रहे हैं और किसी अन्य एप में कोई काम करना है तो आप यूट्यूब को मिनिमाइज कर सकते हैं। ऐसे में एक मिनी प्लेयर की तरह यूट्यूब प्ले भी होता रहेगा और आप कोई अन्य इस्तेमाल भी कर सकें...