सांप काटने का घरेलू इलाज :-
यह जानकारी मैंने लोकमत हिन्दी वैब ब्राउजर न्युज से लिया गया हैं। सांप काटने पर तुरन्त आपनाएं ये उपाय, बच सकती है मरीज की जान
सबसे पहले सर्पदंश के भाग को पोटेशियम परमेगनेट या साबुन से अच्छी तरह धो लें. - सांप काटे व्यक्ति को सबसे पहले जीतना जल्दी हो सके अस्पताल ले जाने की कोशिश करें. - और नहीं तो कहीं साफ-सूथरी जगह पर उसे सीधा लेटा दें और बॉडी को स्थिर रहने दें. - जब तक अस्पताल न पहुंच जाएं मरीज को शांत रखें और उसका हौंसला बढ़ाएं
पहला उपाय first aid:-
आपको बता दें कि जब सांप काटता है, तो प्रभावित हिस्से पर उसके दो दांतों के निशान दिखाई पड़ते हैं। सबसे पहले आपको जहर निकालने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल करना है। ध्यान रहे कि इंजेक्शन में सुईं न लगी हो। इसके लिए आप इंजेक्शन के जरिये दोनों दांतों के निशान वाली जगह से खून निकालें। संभव है इससे काफी हद तक जहर बाहर निकल सकता है।
सांप के काटने पर कौन सा इंजेक्शन लगाया जाता हैः-
सर्पदंश के एक घंटे में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगना जरूरी है। समय पर उपचार मिलने से जहर बेअसर हो सकता है और मरीज को जिंदगी मिल जाती है।
वर्तमान में भी लोग सांप के डसने पर झाड़-फूंक के चक्कर में रहते हैं और उसके कारण उपचार में होने वाली देरी के कारण या तो जान से हाथ धोना पड़ रहा है या जान बचाने के लिए अंग काटना पड़ रहा है। सर्पदंश के सबसे अधिक मामले जुलाई से सितंबर के बीच आते हैं। बारिश के कारण पानी सांप की बिलों में घुस जाता है और वह अपनी बिलों से बाहर आ जाते हैं। चूहों के कारण घरों में सांप भी घुस जाते हैं और लोग उनके शिकार बन जाते हैं।
हिमाचल में सांपों की छह विषैली प्रजातियां
कोबरा, क्रेटा, हिमालयन ग्रीन पिट वाइपर, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर, सेंट्रल एशियन कोबरा कुल छह विषैली प्रजातियां हिमाचल प्रदेश में पाई जाती हैं।
दूसरा उपाय first aid:-
सांप के काटने पर पीड़ित को तुरंत थोड़ा ज्यादा घी खिलाकर उल्टी करवा दें। इसके बाद उसे 10-15 बार गुनगुना पानी पिलाकर उल्टी कराएं। इससे सांप के जहर का असर कम हो जाएगा।
तीसरा उपाय first aid:-
कंटोला की सब्जी को पीसकर तुरंत उस जगहें पर लगा दें जहां सांप ने काटा हो। इससे जहर का असर कम होने के साथ इंफेक्शन का खतरा भी टल जाएगा। आप लहसुन को पीसकर उसमें शहद मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं।
यह सब घरलू उपाय हैं जिनसे काफी हद तक जहर को कम किया जा सकता है लेकिन आपको इनके भरोसे नहीं रहना चाहिए। अगर संभव हो तो मरीज को जितनी जल्दी हो सके पास के चिकित्सा केंद्र में ले जायें।
दरअसल जब सांप काटता है, तो उसके जहरीले दांतों का जहर मांस के अंदर घुस जाता है और जहर धीरे-धीरे ऊपर कि तरफ बढ़ता है और पूरे शरीर में फैलने लगता है। जहर को पूरे शरीर में फैलने में कम से तीन घंटे लग सकते हैं। यही वो समय है जब आप पीड़ित की जान बचा सकते हैं।
सांप के काटने की क्या पहचान होती हैं?:-
- कटी हुई जगह पर दांतों के निशान, हल्की दर्द व उसके चारों तरफ लाली।
- काटी हुई जगह पर त्वचा बहुत अधिक लचीली व सोजिश
- बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, खून के धब्बे उभरना, पसीना आना
सांप के काटने पर इन बातों का रखें ध्यान:-
- पीडित को जाग्रत अवस्था में रखें।
- पीडि़त को और जहां काटा है उसे ज्यादा हिलाएं-डुलाएं नहीं।
- जख्म को बिलकुल न छेड़े और न उसमें कोई कपड़ा बांधें।
- रक्त के बहाव नहीं रोकें।
- पीडि़त के तंग कपड़े व गहने उतार दें।
- बर्फ के टुकड़ों व विद्युत तरंगों का इस्तेमाल न करें।
साप के काटने पर ये सावधानियां रखे:-
- सोने में कमरे में आनाज का भंडारण न करें।
- घर में चूहों को न आने दें।
- खेतों में जूते पहनकर जाएं और रात को टार्च और डंडा लेकर ही घर से बाहर निकलें।
प्रदेश में सांप की छह प्रजातियां बहुत विषैली होती हैं।:-
सर्पदंश के मामले जुलाई से सितंबर तक अधिक आते हैं। प्रदेश में छह प्रजातियां बहुत विषैली हैं। सर्पदंश के बाद एक घंटा ऐसा है, जिसमें उपचार जरुरी है। उपचार के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिससे एंटी वेनम इंजेक्शन की ज्यादा मात्रा न दी जाए। -डॉ. उमेश भारती, महामारी विशेषज्ञ।
सांप के काटने पर लगने वाला एंटी वैनम इंजेक्शन 108 एंबुलेंस में भी उपलब्ध रहता है। सर्पदंश के ज्यादातर मामले शाम सात बजे से रात 12 बजे के बीच ज्यादा आते हैं। हालांकि खेतों में काम करने के दौरान किसी सांप को पांव लग जाने के दौरान भी काटने की घटनाएं आती हैं। ऐसे मामलों में तुंरत 108 पर सूचित करें। -अभिषेक भंगालिया, मार्केटिंग मैनेजर एवं मीडिया प्रभारी 108 सेवा।
प्रदेश में सर्पदंश के मामलों को लेकर समीति का गठन किया गया है। प्रदेश में एंटी वेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। जुलाई से ज्यादा मामले आते हैं। -आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश।
सांप के काटने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान:-
सांप के काटने से मौत होने पर चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को प्रदान की जाती है। यह आर्थिक सहायता जिला उपायुक्तों के माध्यम से दी जाती है। अंग खराब हो जाता है तो बीस हजार रुपये दिए जाते हैं।
सांप काटने पर कौन सी जड़ी-बूटी काम आती है:_
ब्रिटिश रिसर्चरों ने जानवरों पर इसका प्रयोग करके देखा है और उसमें सफलता पाई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा को लेकर यह प्रयोग किया है जो पहले से मौजूद थी. जानवरों में इसे आजमाने पर उन्हें जहरीले सांप के जहर से जिंदा बचाने में सफलता मिली।
इस दवा में जो सक्रिय तत्व होता है वह ‘डाईमेर्काप्रॉल' कहलाता है। ब्रिटेन के लिवरपूल की इस रिसर्च टीम ने सांप के जहर के असर को काटने में इस तत्व से लैस दवा को टेस्ट किया. अब तक इस तत्व और इससे मिलते जुलते तत्व डीपीएमएस (2,3-डाईमेर्काप्टो-1-प्रोपेनसल्फोनिक एसिड) का इस्तेमाल उन मामलों में किया जाता था जहां किसी को आर्सेनिक या पारा जैसे हेवी मेटल का जहरीला असर हो गया हो।
कैसे काटता है ये सांप के काटे का जहर कोः-
अब रिसर्चरों ने दिखाया है कि यही दोनों सक्रिय तत्व सांप के जहर को काटने में भी काम आ सकते हैं. इसका विचार सबसे पहले बायोकेमिस्ट और मॉलिकुलर बायोलॉजिस्ट लॉरा ओआना-अलबूलेस्कू ने पेश किया. लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में काम करने वाली यह रिसर्चर और उनकी टीम ऐसे सक्रिय तत्वों की तलाश में लगे थे जो शरीर में सांप के जहर के साथ काम करने वाले धातु के आयनों से जुड़ सकें. इसमें उन्होंने इन दोनों तत्वों को कारगर पाया।
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